वो आईने में यूँ खुद को देख रहे हैं, मानो कि जवाब अपना, ही ढूंढ रहे हैं।
'दीपक में अगर नूर ना होता, तन्हा दिल यूँ मजबूर ना होता, मैं आपको ईद मुबारक कहने जरूर आता, अगर आपका घर इतना दूर ना होता, ईद मुबारक |'